April 28, 2024 11:04 am

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‘यह तो बिल्कुल अजीब बात…’ चीन को लेकर नेहरू या पटेल में किसकी नीति थी बेहतर? विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया अंतर

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहराया है कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपसी संबंध तीन आपसी समझ- सम्मान, संवेदनशीलता और हित पर आधारित होने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने चीन के साथ नेहरूवादी युग की रूमानियत पर भी प्रहार किया.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा, ‘मैं चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटने का तर्क देता हूं- यथार्थवाद का रास्ता, जो मुझे लगता है- सरदार पटेल से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी का रास्ता है – मुझे लगता है कि हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों. जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा.’

विदेश मंत्री ने चीन पर व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है…’

नेहरू और पटेल के नजरिये का समझाया अंतर
भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दृष्टिकोण में अंतर बताते हुए जयशंकर ने दोनों दिग्गजों के बीच मतभेद पर प्रकाश डाला. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर गहरे मतभेद रहे हैं… ‘

जयशंकर ने नेहरू और सरदार पटेल के यथार्थवादी दृष्टिकोण के बीच अंतर समझाते हुए कहा, ‘उदाहरण के लिए जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट की बात आई, तो हमें बिल्कुल वह सीट लेनी चाहिए थी. खैर वह एक अलग बहस है, लेकिन यह कहना कि हमें पहले चीन को (सुरक्षा परिषद में) जाने देना चाहिए- चीन का हित पहले आना चाहिए, यह एक बहुत ही अजीब बयान है.’

नेहरू के कार्यकाल की शुरुआत में चीन और भारत के बीच अच्छी दोस्ती थी. हालांकि भारत को 1962 में उस वक्त एक बड़ा झटका लगा जब चीन ने हमला कर दिया. चीन के इस आक्रमण ने नई दिल्ली में निर्णय लेने वालों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि चीन नीति पर दोबारा से विचार किया जाना चाहिए.

'यह तो बिल्कुल अजीब बात...' चीन को लेकर नेहरू या पटेल में किसकी नीति थी बेहतर? विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया अंतर

क्या 2024 में भारत और चीन के बीच मतभेद खत्म हो पाएंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा, ‘ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है. मैं इस मुद्दे को इस तरह से देखता हूं कि अगर आप हमारी विदेश नीति के पिछले 75 से अधिक वर्षों को देखें, तो उनमें चीन के बारे में यथार्थवाद का जोर है और आदर्शवाद, रूमानियत, गैर-यथार्थवाद का तनाव है. यह शुरुआती दिनों से ही शुरू हो जाता है, जब नेहरू और सरदार पटेल के बीच इस बात को लेकर गहरा मतभेद था कि चीन को कैसे जवाब दिया जाए.’

Tags: China india, Indo china border, S Jaishankar

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KR News 24
Author: KR News 24

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