नई दिल्लीः लाल सागर में हूथी आतंकियों का आतंक बढ़ते जा रहा है. 19 नवंबर से लेकर अब तक मर्चेंट शिप पर करीब दो दर्जन हमले किए गए हैं. इसकी जानकारी अमेरिकी नौसेना की सेंट्रल कमांड ने दी है. साथ ही यह भी बताया है कि इन हमलों में एंटी शिप बलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकवादी संगठन हूथी के बढ़ते हमलों को देखते हुए भारत सरकार ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में नौसेना की तैनाती बढ़ा दी है. साथ ही निगरानी विमान के जरिए भी नजर रखी जा रही है. इसके अलावा युद्धपोत में तैनात मरीन कमांडो अदन की खाड़ी के पास शिप को रोककर औचक जांच कर रहे हैं.
बता दें कि भारत का 80 फीसदी कच्चा तेल फारस की खाड़ी के रास्ते से आता है और 90 फीसदी कारोबार भी स्वेज नहर से होते हुए लाल सागर के रास्ते से आता है. रूस-यूक्रेन की जंग शुरू होने के बाद भारत सरकार ने रूस से तेल कच्चे तेल की खरीदारी बढ़ा दी है और यह तेल लाल सागर के रास्ते से भारत आता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत का करीब 20 करोड़ डॉलर का सामान इसी रास्ते से आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए यह अहम ट्रेड रूट है. यह ट्रेड रूट छोटा है.
अगर इस रास्ते पर समस्या चलती रही तो इस रास्ते से शिप नहीं आ पाएंगे. तब इन्हें अफ्रीका वाले रास्ते यानी कि केप ऑफ गुड होप वाले रूट से आना होगा. इसके चलते शिपमेंट में करीब 10 दिन अधिक लग सकते हैं, जिससे खर्चा भी बढ़ेगा और ग्लोबल ट्रेड में देरी होगी. भारतीय नौसेना ने 6 टॉप क्लास वॉरशिप अदन की खाड़ी के आसपास तैनात कर दिए हैं.
इसके अलावा डॉर्नियर, सी-गार्डियन और पी-8 आई एयरक्राफ्ट से भी लगातार निगरानी हो रही है. समुद्री लुटेरों को मैसेज भेजने के लिए नेवी के मरीन कमांडो रैंडम चेकिंग कर रहे हैं. इसके अलावा कोस्ट गार्ड के चार बड़े शिप हमेशा भारत के EEZ की सिक्योरिटी के लिए तैनात रहते हैं. इसके अलाना अन्य छोटे शिप भी तैनात रहते हैं.
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Tags: Arabian Sea, Indian navy
FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 11:59 IST