Urdu Me Gita: हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ ‘श्रीमद्भागवत गीता’ का भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में बहुत ही पवित्र महत्व है. गीता उपनिषदों का सार है. इसमें मानव जीवन से जुड़े हर घटनाक्रम और सवालों के जवाब हैं. गीता के उपदेशों के माध्यम से हम जीवन की बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को आसान बना सकते हैं. गीता का दुनिया की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है. तमाम विद्वान अपने-अपने तरीके से गीता की व्याख्या करते हैं. लेकिन कभी आपने शायरी में गीता को पढ़ा है?
वैसे तो गीता का उर्दू में तर्जुमा कई लेखकों ने किया है लेकिन अनवर जलालपुरी ने गीता को शायरी में तब्दील करने का काम किया है. ऐसे मशहूर शायर अनवर जलालपुरी की आज पुण्यतिथि है. उनका जन्म 6 जुलाई, 1947 को उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर जिले के जलालपुर में हुआ था. उनका असल नाम अनवर अहमद था. लेकिन साहित्य की दुनिया में अनवर जाललपुरी के नाम से मशहूर हुए. उर्दू साहित्य में विशेष योगदान के लिए उन्हें ‘पद्मश्री’ (मरणोपरांत) और उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित ‘यश भारती’ सहित अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया था. अनवर जलालपुरी मुशायरों की निजामत के बादशाह थे. वे अपने समय के बहुत ही कुशल और चर्चित मंच संचालक थे.
अनवर जलालपुरी ने ‘श्रीमद्भागवत गीता’ का उर्दू शायरी में अनुवाद किया था. ‘उर्दू शायरी में गीता’ के अलावा उन्होंने ‘उर्दू शायरी में गीतांजलि’, ‘राहरौ से रहनुमा तक’ जैसे चर्चित पुस्तकें लिखीं. जलालपुरी ने टीवी सीरियल ‘अकबर द ग्रेट’ के संवाद भी लिखे थे. जलालपुरी ने अंग्रेजी और उर्दू साहित्य में एमए किया.
उर्दू शायरी में गीता
अनवर जलालपुरी जो सबसे बड़ा काम है, वह है उर्दू शायरी में गीता लिखना. उन्होंने ‘गीता’ के 701 श्लोकों की उर्दू अशआर में व्यख्या की है. जलालपुरी ‘उर्दू शायरी में गीता’ की ऑडियो सीडी भी बनवा चुके थे. शायरी में गीता को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपने सुरों से सजाया है.
जलालपुरी गीता को समाज के लिए एक जरूर किताब मानते थे. उर्दू शायरी में गीता के पीछे उनका कहना था कि गीता को शायरी के तौर पर पेश करने से गीता के उपदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेंगे और नया पाठक गीता का लाभ उठा सकता है. उन्होंने 1761 उर्दू अशआरों के माध्यम से गीता की व्याख्या की है. उर्दू में गीता को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है जैसा कि उन्होंने कर्म का उपदेश देने वाले गीता के श्लोक- ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ को उर्दू में कुछ इस तरह से कहा है-
सतो गुन सदा तेरी पहचान हो
कि रूहानियत तेरा ईमान हो
कुआं तू न बन, बल्कि सैलाब बन
जिसे लोग देखें वही ख्वाब बन
तुझे वेद की कोई हाजत न हो
किसी को तुझ से कोई चाहत ना हो।
गीता के एक और चर्चित श्लोक- ‘यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत्, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मांन सृजाम्यहम्’ का जमालपुरी ने उर्दू शायरी में कुछ ऐसे ढाला है-
फराएज से इंसा हो बेजार जब
हो माहौल सारा गुनाहगार जब
बुरे लोगों का बोलबाला रहे
न सच बात को कहने बाला रहे
कि जब धर्म का दम भी घुटने लगे
शराफत का सरमाया लुटने लगे
तो फिर जग में होना है जाहिर मुझे
जहां भर में रहना है हाजिर मुझे
बुरे जो हैं उनका करूँ खात्मा
जो अच्छे हैं उनका करूँ में भला
धरम का जमाने में हो जाए राज
चले नेक रास्ते पे सारा समाज
इसी वास्ते जन्म लेता हूँ मैं
नया एक संदेश देता हूँ मैं।
गीता के पीछे की कहानी
गीता के श्लोकों को उर्दू शायरी में तब्दील करने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है. इस पर अनवर जलालपुरी ने कहा था कि उन्होंने 1982 में ‘गीता’ पर शोध करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. जब अध्ययन करना शुरू किया तो लगा कि ये विषय बहुत बड़ा है. चूंकि वे शायर थे, इसलिए उन्होंने गीता के श्लोकों का उर्दू काव्य के रूप में अनुवाद करना शुरू किया.
अनवर जमालपुरी ने बताया कि ‘गीता’ पढ़ने के बाद उन्होंने करीब 100 ऐसी बातें खोज निकालीं, जो मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ क़ुरान और हदीस की हिदायतों से बहुत मिलती-जुलती हैं.
.
Tags: Books, Hindi Literature, Hindi poetry, Hindi Writer, Literature
FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 16:32 IST