December 2, 2024 10:26 am

आपका विश्वास हमारा न्यूज़ पोर्टल

आपका विश्वास हमारा न्यूज़ पोर्टल

Ram Mandir: बेटे ने गढ़ डाले भगवान, मां इस बात से अंजान, अयोध्या में ही जाकर करेंगी रामलला के दर्शन.

अयोध्या. बच्चों की सफलता से माता-पिता को जो खुशी मिलती है, उसकी तुलना संसार में शायद ही किसी और चीज से की जा सकती है. आज सारे देश में जहां अयोध्या के राम मंदिर के चर्चे हो रहे हैं, वहीं एक मां इसलिये भी खुश है कि इस एतिहासिक काम में उनके बेटे का भी महत्वपूर्ण योगदान है. अयोध्या के राम मंदिर के लिये अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को चुना गया है.

मूर्तिकार अरुण योगीराज की मां ने बताया कि उनके लिए यह बेहद खुशी का पल है. वह अपने बेटे को मूर्ति बनाते हुए देखना चाहती थी, लेकिन ये बात पूरी न हो सकी, क्योंकि मूर्ति पूरी बनने के बाद बेटा अपने मां के चेहरे की खुशी देखना चाहता था.

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन हुआ है. जो कि किसी भी इंसान के लिये काफी गौरव की बात है. मूर्तिकार योगीराज की मां ने इसे बेहद खुशी का पल बताया है. उन्होंने यह भी बताया, कि वह अपने बेटे को मूर्ति बनाते हुए देखना चाहती थीं, लेकिन ऐसा हो न सका. लेकिन उसने बोला कि वह मुझे आखिरी दिन ले जाएगा. मैं स्थापना के दिन जाऊंगी. उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपने बेटे की प्रगति और सफलता को देखकर बहुत खुश हूं. उनकी सफलता देखने के लिए उनके पिता आज हमारे बीच नहीं हैं. मेरे बेटे को इस काम के लिये अयोध्या गए हुए छह महीने हो गए’.

मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति की केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा, जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है. हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. यह राम और हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है. इसमें कोई दो राय नहीं है, कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है.

सोशल मीडिया पर काफी मशहूर है योगीराज
आज के समय में योगीराज एक जाना-माना नाम बन गया है, और सोशल मीडिया पर उनकी काफी फैन फॉलोइंग भी है. प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे 37 वर्षीय अरुण योगीराज मैसूरु महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं. अरुण के पिता गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए भी कार्य कर चुके हैं. एमबीए की पढ़ाई कर चुके योगीराज पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं. एमबीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया, लेकिन 2008 में मूर्तिकार बनने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया.

योगीराज ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के अलावा मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी बनाई है. इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही अपने हाथों से तराशी है.

Tags: Ayodhya Mandir

Source link

KR News 24
Author: KR News 24

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमसे जुड़े

Weather Forecast

DELHI WEATHER

Gold & Silver Price

पंचांग